प्रेस विज्ञप्ति
शासकीय महाविद्यालय मचांदुर में हिंदी दिवस के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । आयोजन का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नीरजा रानी पाठक ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब तक हम हिंदी को सशक्त और समृद्ध कर दैनिक जीवन के कार्य व्यापार में ना लाएं तब तक हिंदी दिवस मनाना एक रस्म अदायगी ही है। भाषा से प्रेम होने का सशक्त माध्यम है कविता काव्य गोष्ठी के संयोजक हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अमृत त्रिपाठी ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता वर दे वीणावादिनी कविता के गायन से गोष्ठी का आरंभ किया । बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा नीलोफर ने गोपालदास नीरज की कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है कविता का पाठ किया। गणित के सहायक प्राध्यापक विकास कुमार टांडेकर ने हिंदी से हिंदुस्तान है शीर्षक पर कविता सुनाई । डॉक्टर कल्याणी ने गांव और शहर के मध्य संबंध दर्शाती एक कविता प्रस्तुत की ।सहायक प्राध्यापक नीलम संजीव इक्का ने झारखंड की आदिवासी कवित्री जेसीनता केरकट्टा की कविता सुनाइ। अतिथि शिक्षकों में सुश्री जागृति ने खुद की खोज, मुकेश जी ने हिंदी प्रेम, करीम जी ने दुष्यंत कुमार जी की ग़ज़लों को प्रस्तुत किया। डॉक्टर संगीता मेहूरिया ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई कविता का पाठ किया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ नीरजा रानी पाठक ने भी बच्चों को प्यारी सी कविता सुनाइ एवं समस्त प्रतिभागी विद्यार्थी एवं प्राध्यापकों को प्रतिभागीता हेतु पुरस्कृत किया इस कार्यक्रम पर समस्त विद्यार्थी गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का आभार प्रकट नीलम संजीव जी ने किया।